अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी का दो टूक

एमएस स्वामीनाथन सम्मेलन में 50% टैरिफ के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-देश के मछुआरों, पशुपालकों और किसानों के लिए हर बलिदान को तैयार हूं…
Khabari Chiraiya New Delhi Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यदि इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोई कीमत चुकानी पड़ी तो वह भी इसके लिए तैयार हैं। यह बयान उन्होंने एमएस स्वामीनाथन की शताब्दी के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में अमेरिका का नाम लिए बिना दो टूक अंदाज़ में कहा-हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। मेरे देश के किसानों और मछुआरों के लिए अगर मुझे निजी तौर पर भी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी तो मैं उसके लिए पूरी तरह तैयार हूं।
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत से होने वाले आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश जारी किया है। इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसके बाद अब कुल टैरिफ 50% हो गया है।
व्हाइट हाउस ने इस टैरिफ को रूस से भारत के तेल आयात से जोड़ते हुए कहा है कि यह कदम यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर लगे प्रतिबंधों को और असरदार बनाने की दिशा में उठाया गया है। अमेरिकी आदेश के मुताबिक, भारत प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रूस से तेल खरीद रहा है, जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरा माना जा रहा है।
इस अतिरिक्त शुल्क को लागू करने के लिए 21 दिनों की अवधि तय की गई है। हालांकि वे उत्पाद, जो 17 सितंबर से पहले समुद्री मार्ग से अमेरिका की सीमा में प्रवेश कर जाएंगे और कस्टम क्लीयरेंस ले लेंगे, उन्हें इस टैरिफ से राहत दी जाएगी। भारत ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी कर कहा-अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया टैरिफ पूरी तरह अनुचित, अन्यायपूर्ण और असंगत है।
भारत पहले भी यह स्पष्ट कर चुका है कि उसका तेल आयात बाजार की परिस्थितियों और देश के 1.4 अरब नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता है। उन्होंने आगे कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने उन फैसलों के लिए टैरिफ लगाने का रास्ता चुना है, जो अन्य देश भी अपने हित में ले रहे हैं। भारत अब अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।”
भारत ने पहले भी कई मंचों से यह दोहराया है कि वह रूस से ऊर्जा आयात केवल अपने नागरिकों की जरूरतों और लागत कारकों को देखकर करता है। अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत ने बार-बार यह कहा है कि वह किसी बाहरी दबाव में अपने नीति निर्णयों में बदलाव नहीं करेगा।
इस पूरे घटनाक्रम में एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत की विदेश और व्यापार नीति में स्वाभिमान सर्वोपरि है, जहां राष्ट्रीय हित किसी भी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे नहीं झुकते।
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