मानव शरीर की कोशिकाओं का ‘यांत्रिक संरक्षक’ प्रोटीन पी47 चिकित्सीय रणनीतियों में नया मोड़

- यह अध्ययन कोशिकीय यांत्रिकी को समझने की दिशा में अहम कदम है
Khabari Chiraiya Desk: मानव शरीर की कोशिकाएं हर पल खिंचाव, धक्का और मोड़ जैसे यांत्रिक तनावों से गुजरती हैं। इन तनावों का असर सीधे प्रोटीनों की संरचना और उनके कार्य पर पड़ता है। जहां तक अब तक की समझ थी, इस प्रकार की परिस्थितियों से प्रोटीनों को बचाने का जिम्मा मुख्य रूप से कैनोनिकल चैपरोन प्रोटीन का होता है। मगर एसएन बोस राष्ट्रीय मूलभूत विज्ञान केंद्र (एसएनबीएनसीबीएस) के वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि एक ‘छिपा हुआ’ सहायक प्रोटीन पी47 भी प्रोटीनों की रक्षा करने में सक्रिय भूमिका निभाता है।
प्रयोग और खोज
डॉ. शुभाशीष हलधर के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने ‘सिंगल-मोलेक्यूल मेग्नेटिक ट्विजर्स’ तकनीक का उपयोग किया। इस तकनीक से वैज्ञानिकों ने कोशिकाओं में वास्तविक परिस्थितियों जैसे खिंचाव और दबाव का अनुकरण किया। नतीजे चौंकाने वाले रहे-पी47 न केवल प्रोटीन से जुड़ा बल्कि उसे दोबारा मोड़ने और स्थिर बनाए रखने की क्षमता भी दिखी।
चिकित्सा जगत के लिए नए रास्ते
यह खोज बताती है कि पी47 केवल एक सहायक नहीं बल्कि यांत्रिक संरक्षक है। इसके आधार पर वैज्ञानिक अब उन बीमारियों के लिए नई चिकित्सीय रणनीतियां तैयार कर सकते हैं, जिनमें प्रोटीन की स्थिरता पर बल का असर होता है। इसमें हृदय की मांसपेशियों से जुड़े रोग और लेमिनोपैथी जैसे आनुवंशिक विकार शामिल हैं।
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