पोलैंड पर रूसी ड्रोन का हमला, बढ़ी जंग की आहट

- यूक्रेन पर हमला करते-करते रूस अब नाटो देशों की सीमा छूने लगा है। पोलैंड की हवाई सीमा में घुसपैठ ने यूरोप में हड़कंप मचा दिया है।
Khabari Chiraiya : रूस-यूक्रेन युद्ध थमने के बजाय और खतरनाक होता जा रहा है। मंगलवार देर रात रूसी ड्रोन पोलैंड की सीमा में घुस आए, जिससे हालात अचानक बिगड़ गए। पोलैंड की सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन ड्रोन को मार गिराया। यह घटना सिर्फ पोलैंड तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे यूरोप और नाटो देशों के लिए खतरे की घंटी बन गई।
पोलैंड की सेना ने कहा कि यूक्रेन पर चल रहे हमलों के दौरान बार-बार उनकी हवाई सीमा का उल्लंघन हुआ है। लोगों को चेताया गया है कि वे घरों से बाहर न निकलें क्योंकि पोडलास्की, माज़ोवीकी और लुबेल्स्की जैसे क्षेत्र सबसे अधिक जोखिम में हैं। इस चेतावनी के बाद नागरिकों में दहशत फैल गई और यूरोप भर में तनाव चरम पर पहुंच गया।
अमेरिका ने रूस की इस हरकत का कड़ा विरोध किया है। सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन नाटो की सुरक्षा प्रतिबद्धता की परीक्षा ले रहे हैं। पोलैंड के राष्ट्रपति करोल नवरॉकी ने भी पहले ही चेतावनी दी थी कि पुतिन यूक्रेन से आगे बढ़कर अन्य देशों पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं। यही कारण है कि अमेरिका और यूरोप अब रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी में जुट गए हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पोलैंड ने नाटो के लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया है। रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा गया है और कई हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। पोलैंड के रक्षा मंत्री सेज़री टोमिक ने साफ कहा है कि सीमा का उल्लंघन करने वाली हर वस्तु को निष्क्रिय किया जाएगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने बेलारूस के साथ सीमा बंद करने का बड़ा फैसला लिया था। उन्होंने रूस और बेलारूस के सैन्य अभ्यास को उकसावे की कार्रवाई बताते हुए इसका जवाब देना आवश्यक बताया था। उधर अमेरिका में सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने रूस के तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा है। यूरोपीय संघ भी 19वें दौर के प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है।
यानी, रूस-यूक्रेन संघर्ष अब यूरोप की दहलीज तक पहुंच गया है। पोलैंड में रूसी ड्रोन की घुसपैठ ने साफ कर दिया है कि यह जंग किसी भी वक्त और व्यापक रूप ले सकती है। नाटो, अमेरिका और यूरोप अब पहले से कहीं अधिक सतर्क हैं और रूस पर कठोर कार्रवाई की दिशा में बढ़ रहे हैं।
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