December 21, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

जोश से पहले होश रखें तभी होगी सुरक्षित दीपावली

  • एक पल की लापरवाही जीवनभर की चोट बन जाती है, खासकर बच्चे और महिलाएं पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं का शिकार बनते हैं

Khabari Chiraiya Desk : दीपावली के मौके पर हर कोई खुशियों में डूबा होता है। लेकिन यही उत्साह कभी-कभी खतरनाक साबित हो जाता है। पटाखों की चकाचौंध के बीच अक्सर ऐसे हादसे सामने आते हैं जिनमें लोग जल जाते हैं, आंखों की रोशनी चली जाती है या कानों के परदे फट जाते हैं। कई मामलों में तो यह पटाखे जानलेवा साबित हुए हैं। इसलिए जरूरी है कि दीवाली मनाते समय जोश के साथ थोड़ी समझदारी भी दिखाई जाए, ताकि त्योहार का आनंद किसी दुखद घटना में न बदल जाए।

विशेषज्ञों का कहना है कि दीवाली पर होने वाली दुर्घटनाओं में करीब 98 फीसदी महिलाएं और 18 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल होते हैं। इसलिए छोटे बच्चों को पटाखे जलाते समय हर समय निगरानी में रखें। सात साल से कम उम्र के बच्चों को खुद पटाखे जलाने के बजाय उन्हें केवल दिखाएं। फुलझड़ी या टॉर्च जलाते समय उनका हाथ पकड़ें ताकि कोई अनहोनी न हो।

इस समय बाजार में नकली और खतरनाक पटाखों की भरमार है। कई पटाखों में बारूद की मात्रा गलत होती है या उन पर कम कागज लपेटा जाता है, जिससे वे बहुत जल्दी जल जाते हैं और फटने का समय नहीं मिलता। ऐसे में जलने या चोट लगने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। वहीं, आसमान में छोड़े जाने वाले पटाखे अक्सर घरों की छतों या पेड़ों में फंसकर आग लगा देते हैं। इसलिए ऐसे पटाखे हमेशा खुले मैदान में ही छोड़ें ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके।

सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, पांच साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हालत में पटाखे नहीं जलाने चाहिए। पटाखे जलाने के लिए मोमबत्ती या लंबी लकड़ी का इस्तेमाल करें। माचिस से आग लगाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि लौ बहुत पास होती है। हमेशा एक बार में एक ही पटाखा जलाएं और जलाने के बाद पर्याप्त दूरी बनाए रखें।

अगर कोई पटाखा नहीं फूटता तो उसे दोबारा जलाने की कोशिश बिल्कुल न करें। उसे पानी की बाल्टी में डाल दें क्योंकि उसमें बची हुई आग कभी भी जल सकती है। हवा वाले पटाखे, जैसे रॉकेट, जलाते समय उनकी दिशा पर ध्यान दें, वरना वे किसी व्यक्ति या घर की ओर मुड़ सकते हैं।

रात के समय घर की सभी खिड़कियां बंद रखना भी जरूरी है ताकि गलती से उड़ता हुआ पटाखा अंदर आकर नुकसान न पहुंचा दे। साथ ही घर में एक छोटा फर्स्ट एड बॉक्स और पानी की बाल्टी जरूर रखें ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।

दीपावली का असली अर्थ खुशियां और उजाला फैलाना है, इसलिए बेहतर होगा कि आप इस त्योहार को जिम्मेदारी के साथ मनाएं। थोड़ा ध्यान, थोड़ी सावधानी और थोड़ी समझदारी आपके त्योहार को न सिर्फ सुरक्षित बल्कि यादगार भी बना सकती है।

यह भी पढ़ें…. भारत की तरह इन 7 देशों में भी जगमगाई दिवाली की रौशनी

यह भी पढ़ें…. दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक

यह भी पढ़ें…. INS विक्रांत पर गूंजे जयघोष, जवानों के संग प्रधानमंत्री मोदी ने मनाई दिवाली

आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें…

error: Content is protected !!