बिहार : महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बढ़ी बेचैनी

- भाकपा और माकपा ने कहा कि सम्मानजनक समझौते के बिना गठबंधन का संदेश कमजोर होगा, दोनों दलों ने कार्यकर्ताओं के बीच पैदा हो रही ऊहापोह पर चिंता जताई है
Khabari Chiraiya Desk : बिहार की राजधानी पटना के राजनीतिक गलियारे से खबर आ रही है कि विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के घटक दलों के भीतर सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी- माकपा) ने शुक्रवार को साफ कहा कि अब सीट शेयरिंग पर तत्काल निर्णय लिया जाना चाहिए। दोनों दलों का मानना है कि देरी से न केवल कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है, बल्कि चुनावी रणनीति भी प्रभावित हो रही है।
जनशक्ति भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय और माकपा के राज्य सचिव ललन चौधरी ने कहा कि हमने महागठबंधन में सम्मानजनक समझौते की मांग रखी है। भाकपा पहले ही 24 सीटों और माकपा 11 सीटों का प्रस्ताव प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंप चुकी है। नेताओं ने स्पष्ट किया कि अब जिम्मेदारी सबसे बड़े दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की है, जो सभी घटक दलों के बीच तालमेल स्थापित करे और सीट बंटवारे की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करे।
नेताओं ने कहा कि बिहार से डबल इंजन की सरकार को हटाने के लिए महागठबंधन का एकजुट होना बेहद जरूरी है। सीट बंटवारे में देरी से मतदाताओं में भी भ्रम की स्थिति बन रही है। यदि समय रहते सहमति नहीं बनी तो विपक्ष के सामने गंभीर चुनौती खड़ी हो सकती है।
भाकपा और माकपा ने यह भी ऐलान किया कि छह से आठ अक्टूबर तक सभी जिलों में संयुक्त कार्यकर्ता बैठकें आयोजित की जाएंगी और मतदाता सूची की जमीनी समीक्षा की जाएगी। उनका कहना है कि सीटों पर शीघ्र निर्णय होने से ही कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा और संपूर्ण बिहार में महागठबंधन के पक्ष में मजबूत चुनावी माहौल तैयार होगा।
इस मौके पर माकपा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य अवधेश कुमार, भाकपा के राष्ट्रीय सचिव संजय कुमार और राष्ट्रीय परिषद सदस्य ओम प्रकाश नारायण भी मौजूद थे। सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि महागठबंधन को समय रहते ठोस कदम उठाने होंगे, तभी चुनावी मैदान में वह मजबूती से उतर पाएगा।
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