बिहार : एसकेएमसीएच के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का बेटा पढ़ेगा डॉक्टरी
केरल के थ्रीसूर सरकारी मेडिकल कॉलेज में 44वें बैच में हुआ दाखिला
बिहार। कहते है कि संस्कार और श्रम व्यक्ति को महान बनाता है, यह उसके लक्ष्य तक पहुंचाता है। सही है, बिहार के मुजफ्फरपुर जनपद के हरनाही गांव निवासी एसकेएमसीएच के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी सुरेश मिश्र अपनी तालिम के बल पर नौकरी तो नहीं हासिल कर पाए पर अपने खून-पसीने की कमाई और लगन से अपने बेटे हिमांशु को डॉक्टर बनाने में सफल हो गए। हिमांशु का नामांकन केरल के थ्रीसूर सरकारी मेडिकल कॉलेज में 44वें बैच में हुआ है।
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एमए-एलएलबी कर्मचारी का पूरा समय डॉक्टरों और डॉक्टरी के बीच गुजरता रहा, ऐस में बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना घर कर गया। अपने पिता के इस सपने को बेटा ने सकार भी कर दिया। अब हिमांशु डॉक्टरी की पढ़ाई कर डॉक्टर बनकर अपने पिता की हसरत पूरी करेगा।
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सुरेश मिश्र के घर के आंगन में तो खुशी की फसल लहलहा ही रही है, अपने चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के बेटे को डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए हुए दाखिले की खुशी एसकेएमसीएच के सभी चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों में भी देखने का मिल रही है।
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हिमांशु की मां मनीषा मिश्रा ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि वह बिल्कुल साधारण परिवार से हैं। मुझे एक पुत्री पायल है, जो बॉटनी से एमएससी कर रही है। बेटा हिमांशु कोटा में रहकर निट की तैयारी कर रहा था। बेटा चयनित हो गया और अब वह पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बनेगा इससे बड़ी खुशी क्या होगी। बेटा का परिश्रम और मेरी तपस्या सफल हो गई।
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